Dhanteras 2025 unknown facts-धनतेरस क्या है? (What is Dhanteras)
धनतेरस हिन्दू त्योहारों में समृद्धि, आरोग्य और शुभता का संदेश देने वाला पर्व है। “धन” का अर्थ सम्पत्ति और “तेरस” का अर्थ तेरहवाँ दिन होता है। यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है तथा दीपावली पर्व का पहला प्रमुख दिन माना जाता है।itokri+3
धनतेरस का ऐतिहासिक महत्व
धनतेरस के इतिहास से कई अद्भुत कथाएँ जुड़ी हैं:ndtv+7
समुद्र मंथन व धन्वंतरि: पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तब इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश व आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए। इन्हें आरोग्य का देवता कहा गया, और इसलिए इसी दिन स्वास्थ्य की भी विशेष पूजा होती है।indiatoday+5
माँ लक्ष्मी की उत्पत्ति: मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय इसी दिन माँ लक्ष्मी भी स्वर्ण-पात्र लिए प्रकट हुई थीं। इसीलिए धनतेरस को धन-समृद्धि और सौभाग्य का पर्व भी माना जाता है।exoticindiaart+3
राजा हिमा का पुत्र और यमराज: एक अन्य प्रसिद्ध कथा के अनुसार, राजा हिमा के पुत्र के विवाह के चार दिन बाद उसकी मृत्यु सर्प-प्रहार से निश्चित थी। उसकी पत्नी ने रातभर जागकर घर के दरवाजे पर गहनों के ढेर के साथ दीप जलाए। जब यमराज सर्प रूप में आए तो दीपों की रौशनी व गहनों की चमक से भ्रमित होकर लौट गए और प्राण बच गए। इसी कथा से ‘यमदीपदान’ परंपरा की शुरुआत हुई।itokri+2
धनतेरस क्यों मनाते हैं?
धनतेरस धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन घर, दुकान, प्रतिष्ठान की सफाई की जाती है, नई वस्तुएँ – खासतौर से चांदी, सोना, बर्तन या गहने – खरीदना विशेष शुभ माना जाता है। घर की दहलीज और पूजा स्थल को रंगोली, दीप और बंदनवार से सजाया जाता है ताकि माता लक्ष्मी और कुबेरदेव का स्वागत किया जा सके।jagranjosh+5
धनतेरस 2025 की सही तिथि 18 अक्टूबर 2025 है। इसी दिन पूरे भारत में Trayodashi तिथि के अनुसार धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। न्यू दिल्ली जैसे स्थानों के लिए धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 18 अक्टूबर को शाम करीब 7:16 PM से 8:20 PM तक रहेगा।astrosage+6धनतेरस के मुख्य अनुष्ठान
शाम के समय “धनतेरस” पूजा की जाती है जिसमें लक्ष्मी माता, गणेशजी, धन्वंतरि और कुबेरदेव की पूजा एक साथ होती है।vummidi+4
दीपदान का भी विशेष महत्व है, विशेषकर ‘यमदीप’। घर के मुख्य दरवाजे पर दीया मार्गदर्शक व सुरक्षा के प्रतीक के रूप में रखा जाता है।exoticindiaart
अपने या परिवार के लिए नया बर्तन, विशेष रूप से चांदी, खरीदी जाती है।ndtv+2
स्वास्थ्य व समृद्धि के लिए आयुर्वेद और औषधि का दान भी उत्तम माना गया है।salamkisan धनतेरस पर धन को आकर्षित करने के 10 पौराणिक (मिथकीय) तरीके निम्नलिखित हैं, जो हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अत्यंत प्रभावशाली माने गए हैं:
धन्वंतरि देव की पूजा करें – समुद्र मंथन से प्रकट हुए धन्वंतरि भगवान को अमृत और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। उनकी पूजा से स्वास्थ्य और धन दोनों की प्राप्ति होती है।
चांदी और सोने की वस्तुएं खरीदें – धनतेरस पर चांदी या सोने के बर्तन, आभूषण आदि खरीदने से घर में समृद्धि और धन स्थिर होता है। चांदी को समृद्धि की धातु माना गया है।
गोमती चक्र का विधान – गोमती चक्र धन का स्थायी स्रोत माना जाता है। इसे धनतेरस पर खरीदकर पूजा स्थल पर रखना शुभ होता है।
दीपक जलाएं और दीपावली पर प्रयोग करें – दीपक में घी डालकर जलाने से जीवन से अंधकार दूर होता है, जो समृद्धि के लिए शुभ है।
कौड़ियों का प्रयोग – 5 या 9 कौड़ियां खरीदकर पूजा स्थल पर या दरवाजे पर रखना धन की निरंतर आवक बढ़ाता है।
नया बर्तन खरीदना – विशेषकर लोटा, कलश आदि जल पात्र खरीदने से धन का आवागमन बढ़ता है।
लक्ष्मी, गणेश और कुबेर देव की पूजा करें – ये देवता धन, समृद्धि और खुशहाली के कारक माने जाते हैं।
सूखे धनिया के बीज लेकर घर में रखना – इससे परिवार की संपत्ति में वृद्धि होती है।
शहद और दालचीनी के प्रयोग से – शहद में दालचीनी डालकर पूजा के बाद थोड़ा चखने से धन और सुख की प्राप्ति होती है।
सात धान्यों (गेहूं, मूंग, चना, जौ, उड़द, चावल, मसूर) की पूजा – इससे घर में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि बनी रहती है।
ये सभी तरीके धनतेरस की पौराणिक कथाओं और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और इन्हें करने से धन की आवक में वृद्धि होने का विश्वास है.
धनतेरस की मान्यताएँ और सामाजिक योगदान
धनतेरस पर जितना ज्यादा सकारात्मक भाव और ऊर्जा घर में लाई जाएगी, उतनी ही संपन्नता व स्वास्थ्य जीवन में बना रहेगा।jagranjosh+4
यह केवल धन-संपत्ति का पर्व नहीं, बल्कि स्वच्छता, आरोग्य और सद्भावना को सम्मान देने का दिन है।salamkisan+1
दीपावली की दिव्य शुरुआत के रूप में भी धनतेरस का विशेष महत्व है।jagranjosh+1
निष्कर्ष
धनतेरस का पर्व न केवल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक एकता, स्वास्थ्य व संपन्नता का भी उत्सव है। धनतेरस 2025 के शुभ मुहूर्त और तिथि पर खरीदारी, स्वच्छता और पूजा अवश्य करें और माँ लक्ष्मी व कुबेर देव का स्वागत करें।
