सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री 2025

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें सितंबर 2025 में अंतरिम सरकार का नेतृत्व सौंपा गया। उन्होंने भारी राजनीतिक और सामाजिक असंतोष के बीच सत्ता संभाली तथा देश को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया। :jagran+5

सुशीला कार्की: नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री – जीवन, करियर और लोकप्रियता

नेपाल, जो कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अनूठा है, वहां पहली बार 12 सितंबर 2025 को किसी महिला ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। यह महिला हैं सुशीला कार्की, जिनका राजनीतिक, न्यायिक और सामाजिक योगदान नेपाल के लिए मिसाल बन गया है। नेपाल की ताजा राजनीति और प्रभुत्वशाली छवि के लिए सुशीला कार्की का चुनाव, खासतौर से जेन-जी आंदोलन के दौरान, ऐतिहासिक माना जा रहा है।aajtak+2

प्रारंभिक जीवन और शैक्षिक पृष्ठभूमि

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री का जन्म 1952 में नेपाल के झापा ज़िले के एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। वे ‘छेत्री’ समुदाय से आती हैं, जिसे नेपाल में क्षत्रिय वर्ग के रूप में जाना जाता है। उनकी शिक्षा भारत से भी जुड़ी है; उन्होंने बी.ए. की पढ़ाई नेपाल के महेन्द्र मोरंग कैंपस से की, और मास्टर्स (एम.ए.) की डिग्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), भारत से राजनीति विज्ञान में प्राप्त की।hindi.news18+1

न्यायिक करियर और भ्रष्टाचार विरोधी छवि

सुशीला कार्की का न्यायिक करियर नेपाल के सुप्रीम कोर्ट से जुड़ा रहा। वे नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं थीं। अपने कार्यकाल में उन्होंने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। जज रहते हुए उन्होंने अनेक ज्वलंत मुद्दों पर साहसिक निर्णय लिए, जिनमें भ्रष्ट मंत्रीयों को जेल भेजना और न्यायपालिका में पारदर्शिता लाना प्रमुख हैं। यही वजह रही कि वे जेन-जी और युवाओं में खासा लोकप्रिय हो गईं।bbc+2

क्यों बनीं प्रधानमंत्री?

2025 में नेपाल की राजनीति अस्थिरता, भ्रष्टाचार और युवाओं के भारी विरोध (Gen-Z आंदोलन) के चलते संकट में थी। इसी समय तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद छोड़ दिया। ऐसे समय में, जनमत और राजनीतिक दलों की आम सहमति से सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। उनकी नियुक्ति को नेपाल ही नहीं, भारत और अन्य देशों से भी सराहा गया। उन्होंने देश को स्थिरता देने और शीघ्र निष्पक्ष चुनाव कराने का वादा किया।pmindia+2

सुशीला कार्की और भारत

सुशीला कार्की की शिक्षा BHU, वाराणसी, भारत से हुई, जिससे उनका भारत से गहरा संबंध है। उनके परिवार के रिश्ते नेपाल के प्रथम लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री बी.पी. कोइराला (जो खुद बनारस में पढ़े थे) से भी रहे। मां ने कोइराला परिवार से नृत्य सीखा था, जिससे सांस्कृतिक संबंध और मजबूत हुआ।hindi.news18+1

नेतृत्व और निर्णय

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद, कार्की सरकार ने हिंसक प्रदर्शनों में मारे गए युवाओं के नाम पर ‘राष्ट्रीय शोक दिवस’ घोषित किया और सभी को शहीद का दर्जा दिया। उन्होंने साफ़ तौर पर संदेश दिया कि सरकार युवाओं और बदलाव के पक्ष में है, और भ्रष्टाचार एवं अन्याय के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।youtubebbc+1

लोकप्रियता और आलोचना

युवाओं में सुशीला कार्की की लोकप्रियता का मुख्य कारण उनकी पारदर्शी छवि, सशक्त नेतृत्व व निर्णायक फैसले हैं। जेन-जी आंदोलन के दौरान, रैपर बालेन शाह ने भी कार्की का समर्थन किया, जिससे युवा वर्ग उनके पक्ष में आ गया। हालांकि, कुछ पुराने राजनीतिक गुट उन्हें सेना का समर्थन मिलने के चलते आलोचना भी करते हैं, परंतु बहुसंख्य जनता के लिए वो उम्मीद की नयी किरण बन गई हैं।bbc+2

निष्कर्ष

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री का नाम हमेशा याद किया जाएगा, जिन्होंने कठिन समय में देश की कमान संभाली, युवाओं का मनोबल बढ़ाया, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई और नेपाल की राजनीति को नया दृष्टिकोण दिया। वे आने वाले समय में नेपाल को किस दिशा में ले जाती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

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इस विस्तृत लेख में सुशीला कार्की की जीवनी, करियर, शिक्षा, समाज में योगदान, भारत से संबंध, निर्णय, युवाओं में लोकप्रियता, विरोध, आलोचना और खास उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन है।jagran+5youtube

 
 
 
 
 
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