मेलोनी का भारत पर भरोसा
भारत और इटली का रिश्ता हाल के वर्षों में बेहद मजबूत होता जा रहा है। दोनों देशों के बीच सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी लगातार नए आयाम गढ़ रही है। इटली की प्रधानमंत्री जॉর্জिया मेलोनी कई बार यह बात कह चुकी हैं कि भारत आज वैश्विक स्तर पर शांति और संतुलन कायम करने में अहम भूमिका निभा सकता है। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या मध्य पूर्व में तनाव, दुनिया इस समय बड़े संघर्षों से जूझ रही है और इस बीच भारत की कूटनीतिक ताकत पहले से कहीं अधिक प्रभावी दिख रही है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि क्यों भारत को दुनिया में शांति का सेतु माना जा रहा है, भारत-इटली关系 के बढ़ते महत्व, दोनों देशों के साझा हितों और भविष्य की संभावनाओं को।
मेलोनी का भारत पर भरोसा
भारत की वैश्विक भूमिका
भारत ने बीते एक दशक में वैश्विक राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत से यह उम्मीदें की जाती हैं कि वह केवल एशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की आवाज बने।
भारत जी-20 की अध्यक्षता करते हुए वैश्विक दक्षिण की आवाज बना।
जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसे विषयों पर भारत ने संतुलित दृष्टिकोण दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने न तो किसी एक पक्ष का अंध समर्थन किया और न ही युद्ध को जायज़ ठहराया, बल्कि संवाद और कूटनीति पर जोर दिया।
यही कारण है कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और यूरोप के दूसरे नेता भारत की भूमिका पर भरोसा जताते हैं।
मेलोनी का भारत पर भरोसा
भारत और इटली के रिश्ते
भारत-इटली संबंध पिछले कुछ वर्षों में लगातार नए मुकाम हासिल कर रहे हैं।
राजनीतिक साझेदारी: दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय दौरों और बैठकों में वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श होता है।
आर्थिक रिश्ते: इटली भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। फैशन, डिजाइन, ऑटोमोबाइल और मशीनरी के क्षेत्र में इटली की कंपनियां भारत में काम कर रही हैं।
सांस्कृतिक जुड़ाव: कला, संस्कृति और खान-पान के मामले में दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी है। योग और आयुर्वेद को इटली में काफी पसंद किया जाता है जबकि भारतीय लोगों के बीच इटैलियन व्यंजन लोकप्रिय हैं।
मेलोनी का भारत पर भरोसा
जॉर्जिया मेलोनी का मानना है कि भारत, अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और कूटनीतिक संतुलन के कारण एक ऐसा देश है जिस पर दुनिया भरोसा कर सकती है।
भारत हर बड़े वैश्विक संकट के समय वार्ता और संवाद का रास्ता दिखाता है।
भारत पश्चिमी और पूर्वी देशों के बीच एक पुल की तरह काम कर सकता है।
आर्थिक दृष्टि से भारत एक उभरती महाशक्ति है, जिसकी वजह से उसका प्रभाव और दबदबा आने वाले वर्षों में और भी बढ़ेगा।
इसी विश्वास के कारण मेलोनी कई दफे कह चुकी हैं कि भारत के पास दुनिया में शांति कायम करने की क्षमता है।
भारत की कूटनीतिक ताकत
भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक ताकत है उसका नॉन-अलाइनमेंट यानी गुटनिरपेक्षता का सिद्धांत।
भारत किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
यह संतुलन उसे पश्चिमी देशों के साथ-साथ रूस और मध्य एशिया से भी अच्छे संबंध बनाए रखने में मदद करता है।
भारत संयुक्त राष्ट्र से लेकर ब्रिक्स और जी-20 जैसे मंचों पर ऐसी नीतियां प्रस्तुत करता है, जिनसे सभी पक्ष खुद को जुड़ा हुआ महसूस करें।
यही कारण है कि कई बार संघर्षरत देशों की जनता भी भारत से मध्यस्थता की उम्मीद रखती है।
भारत और यूरोप के साझा हित
भारत और यूरोप, खासकर इटली, के रिश्ते महज़ कूटनीति तक सीमित नहीं बल्कि विकास और स्थिरता पर भी आधारित हैं।
ऊर्जा सुरक्षा: इटली और भारत दोनों स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन पर सहयोग कर रहे हैं।
नवाचार और तकनीक: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीनरी और डिज़ाइन में इटली का अनुभव भारत के लिए लाभकारी है।
भूराजनीतिक महत्व: यूरोप भारत को एशिया में महत्वपूर्ण साझेदार मानता है, जबकि भारत यूरोप को वैश्विक संतुलन का स्तंभ समझता है।
भारत पर दुनिया की उम्मीदें क्यों?
लोकतंत्र की शक्ति: सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत हर फैसले को पारदर्शिता और जनमत से जोड़ता है।
युवा जनसंख्या: भारत की विशाल युवा आबादी उसे नवाचार और विकास में आगे रखती है।
संतुलित विदेश नीति: भारत अमेरिका, यूरोप, रूस और एशिया सभी के साथ रिश्ते निभा रहा है।
आर्थिक अवसर: दुनिया की कई कंपनियां भारत को भविष्य का सबसे बड़े बाजार के रूप में देख रही हैं।
शांति स्थापित करने में भारत की भूमिका
भारत के सामने आज यह चुनौती और अवसर दोनों हैं कि वह वैश्विक संघर्षों को कम करने में मदद कर सके।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की सक्रियता दुनिया को सकारात्मक संदेश देती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान “यह युद्ध का युग नहीं है” दुनिया भर में सराहा गया।
भारत की कूटनीतिक शैली कठोर कदमों की जगह संवाद, साझेदारी और विकास पर आधारित है।
निष्कर्ष
मेलोनी का भारत पर भरोसा
भारत जिस तरह से न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है, वह इसे वैश्विक शांति और समन्वय का अग्रदूत बनाता है। जॉर्जिया मेलोनी जैसे नेता इस सच को स्वीकार कर रहे हैं कि भारत दुनिया की दिशा बदल सकता है। इटली और भारत की साझेदारी आने वाले वर्षों में और गहरी होगी, जो न सिर्फ दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद साबित होगी।
भारत आज यह संदेश दे रहा है कि अगर संवाद, सहयोग और विकास को प्राथमिकता दी जाए, तो बड़े से बड़ा संघर्ष भी शांतिपूर्ण उपायों से हल किया जा सकता है। शांति की यह राह, भारत को केवल एक उभरती ताकत नहीं बल्कि एक वैश्विक नेता बना रही है।
